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जाने प्राचीन काल का भारत व् उसपर शासन करने वाले राजा

  • प्राचीन काल से भारत का इतिहास व् यहाँ की संस्कृति आमजन को लुभावान्ति है भारत का इतिहास गौरवशाली व् शक्तिशाली रहा है
  • जिसे प्राचीनकाल से विश्व भरा में भारत एक सोने की चिड़िया कहलाता है भारत पहले से ही पुरे विश्व को एक कुटुम्ब के रूप में मानता है सभी के कल्याण व् स्वास्थ्य की कामना करता है
  • प्राचीनकाल से भारत में हमारे प्रमख बंदरगाह व् नाविक शक्तिशाली विकसित थे भारतीय जल व् थल दोनों मार्गो से विश्व में प्रत्येक कोने –कोने में वाका के लोगो के पास सामान भेजता था
  • भारत के योद्धा विद्वानों द्वारा विभिन्न वैदिक ग्रंथो का प्रचार –प्रसार किया विश्व भर में धर्म का प्रचार किया जैसे –दर्शन शास्त्र ,संगीत ,ज्योतिष शास्त्र ,युद्ध शास्त्र नीति शास्त्र का प्रसार किया
  • भारतीय संस्कृति का आभास भारत की सिन्धु –सरस्वती सभ्यता ,वैदिक सभ्यता व् रामायण ,महाभारत काल को भारत का स्वर्णिम युग कहा जाता है
  • भारत के वेदों को विश्वभर में व्याख्यात प्रसिद्ध है जिसे विश्व में ज्ञानकोष के नाम से जाना जाता है
  • प्राचीन भारत के ग्रन्थ में महाजनपद काल के गणतंत्रात्मक व् संवैधानिक व्यवस्था को आदर्श के रूप में माना जाता है

राजस्थान राज्य प्राचीन काल के जनपद –

  • वैदिक काल में ही विकासक्रम में राजस्थान में भी धीरे –धीरे जनपदों का उदय होने लगा राजस्थान में आई विभिन्न जातीय जो राजस्थान में रहने लगी इसी के साथ ही राजस्थान के पुर्विभाग में इस जनपद व्यवस्था का जन्म हुआ
  • जांगल प्रदेश-महाभारत काल में राजस्थान के दो जिले बीकानेर व् जोधपुर राज्य को जांगलदेश कहा जाता था ,इनका का पुराना नाम –कुरु-जांगल व् माद्रेय –जांगल था इनकी राजधानी भी अहिछत्रपुर जो वर्तमान में नागौर जिला है जांगल प्रदेश का राजा स्वयं को बादशाह कहा जाता था जो अपना राज चिन्ह भी जय जांगलधर बादशाह लिखता था
  • मत्स्य जनपद –मत्स्य जनपद जयपुर के आस-पास के इलाके को कहा जाता था मत्स्य नगर का विस्तार चम्बल की पहाडियों से लेकर सरस्वती नदी के क्षेत्र को जांगल क्षेत्र के अन्दर आता था मत्स्य नगर की राजधानी विराट नगर को बनाई गई जो वर्तमान में बैराठ नगर के नाम से जाना जाता था मत्सय जनपद के अन्दर अलवर व् भरतपुर जिले के कुछ भू-भाग भी इसमे सम्लित्त था महाभारत में कहा गया की शहाज नाम का राजा ने चेदी व् मत्स्य दोनों जनपद अपने अधिकार में कर रखे थे
  • शूरसेन जनपद –भरतपुर ,धौलपुर व् करौली के अधिकांश भू-भाग शूरसेन जनपद राज्य के अंतर्गत आता था प्राचीन लेखक यूनानी शेरसेनोई व् उसकी राजधानी को मेथोरा कहते थे वसुदेव का पुत्र श्रीकृष्ण का सम्बन्ध भी शूरसेन जनपद से बताया गया है महाभारत में लिखा गया है की यहाँ का राजा यदु (यादव)नामक का एक राजा राज करता था
  • शिवि जनपद –प्राचीन शिवपुर की पहचान शोरकोट नामक जो पाकिस्तान में स्थित है यह वर्तमान में पंजाब में शिवि जाति राजस्थान में मेवाड़ क्षेत्र में निवास करती है शिवि जनपद की राजधानी शिवपुर थी वहा के राजा ने अन्य जातियों के साथ दस  राजाओ को युद्ध में हराया था मेवाड़ में शिवियो के सिक्के भी मिले है मन्दसौर में शिवि जनपद से सम्बन्धित पांच गुहालेख मिले है जिसमे शिवि जनपद का वर्णन मिला है

 सभी पाठको को शुभकामनाये  

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