Know the history of ancient India, the discovery of ancient times and the important information about the reign and rule -2020

प्राचीन भारत के इतिहास के बारे में जानने के सबसे प्रमुख तीन बताये गए है आओ जाने तीन मुख्य बिंदु कौनसे है

  1. साहित्यिक स्रोत में –धार्मिक साहित्य –धार्मिक साहित्य में कौन-कौन से धार्मिक ग्रन्ध शामिल है –जैसे –वेद ,रामायण ,पुराण ,उपनिषद महाभारत व् बौद्ध व् जैन ग्रन्ध ,धर्मेंतर साहित्य में –अर्थशास्त्र,मुद्राराक्षस व् कथासरित्सागर
  2. विदेशी यात्रिओ के बारे में –भारत में आने वाले विदेशी प्रमुख शासक –सिकंदर मेगस्थनीज,प्लूटार्क व् स्ट्रेबो
  3. पुरातातिव्क लेख –मुद्रा,चित्रकला ,मुर्तिया व् स्मारक –प्राचीनकाल के बारे में अभिलेख ,शिलाओ ,स्तंभों ताम्रपत्रो ,दीवारों प्रतिमाओ व् मुद्राओ पर खुदाई करते समय लेख मले है यहाँ प्राचीनकाल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कराती है

प्राचीनकाल के सिक्के

  • प्राचीन काल के सिक्के पर खुदाई का काम सर्वप्रथम यूनानियो द्वारा की गई थी
  • स्वर्ण सिक्के सबसे पहले हिन्द यवनों ने चलाये थे
  • गुप्त शासनकाल में सबसे ज्यादा स्वर्णमुद्रा का प्रचलन मिला है यहाँ सब प्राचीन काल के लेख में लिखा है
  • समुद्रगुप्त के शासनकाल के सिक्के पर राजा को वीणा वादन करते अभिलेख मिला है

प्राक इतिहास

  • प्राक इतिहास के बारे में विद्वानों का कहना है की जिस समय मानव के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है उसका कोई भी प्रमाण नहीं मिला है उसकाल के बारे में जानकारी उनके औजार मिले है जो पत्थर को चीरकर बनाये जाते थे वे उस समय के गवाह है
  • कुछ विदावानो का कहना कि उस समय मानव जंगलो में रहता था लगभग तीस –चालीस हजार वर्ष पहले का अभिलेख मिला है
  • राजस्थान के मेहरानगढ़ से प्राचीनकाल के बारे में पत्थर से लिखे कुछ प्रमाण मिले है जिसमे खेती के बारे में जानकारी मिली है ,की प्राचीन काल में मनुष्य खेती का काम भी करता था ,
  • सबसे पहले मनुष्य ने कुते को अपना पालतू जावनर मानता था मनुष्य कही भी जाता था तो कुते को अपने साथ ले जाता था कुता उस समय सबसे ज्यादा समझदार माना जाता था  
  • सर्वप्रथम प्राचीनकाल में मनुष्य ने तांबा धातु का प्रयोग किया था ,यह प्रमाण प्राचीन अभिलेखों में इस तथ्य के बारे में जानकारी मिली है
  • ऐतिहासिक काल में मानव द्वारा पहला औजार के रूप में कुलहाड़ी के बारे में  लेख मिले है

सिन्धु घाटी सभ्यता के बारे में –

  1. सिन्धु घाटी सभ्यता की जानकारी प्राचीन शिलालेख में मिलती है अभिलेखों में सिन्धु घाटी को हड़प्पा सभ्यता भी कहा गया है इसका प्राचीन काल-2350 -1750 ई.पू.माना गया है
  2. ऐतिहासिक काल में हड़प्पा सभ्यता को कांस्ययुगीन सभ्यता भी कहा गया है  
  3. सिन्धु घाटी सभ्यता में हड़प्पन लिपि भावचित्रात्मक के बारे ने अवशेष मिले है जो भी अभिलेख या शिलालेख लिखा जाता था वह दायी और से बायीं और लिखने के अवशेष मिले है
  4. हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशिष्टता उसके नगर नियोजन व् जल निकासी की उचित व्यवस्था थी ,इसके प्रमाण सिन्धु घाटी की खुदाई के समय मिले है ,प्राचीनकाल में मनुष्य घर बनाकर रहता था व् वर्षा के पानी को निकालने के लिय पक्की नालिया बना रखी थी

सामाजिक जीवन –

  1. प्राप्त अवशेषों से आधार पर विद्वानों का अनुमान था की परिवार ही समाज का आधार था उस समय सयुंक परिवार व् एकल परिवार की प्रथा प्रचलन थी
  2. समाज चार भागो में विभाजित था जिसमे –विद्वान् ,योद्धा ,व्यापारी वर्ग व् शिल्पकार इन  सबका काम अलग-अलग था
  3. उस समय समाज में शाहकारी व् मांसहारी दोनों प्रकार के लोग निवास करते थे मांसहारी लोग जंगलो में जंगली जानवरों को मारकर उसका मांस आग में पकाकर खाते थे
  4. प्राप्त अब्भिलेखो में मिले प्रमाण के आधार पर अनुमान लगाया जाता था की मृत मनुष्य को जलने व् दफनाने के अवशेष मिले है

धार्मिक जीवन काल –

  • सिन्धु घाटी सभ्यता की खुदाई में मिले अवशेष के आधार पर पहले मनुष्य की धरम के प्रति भी गहरी रूचि थी लोग घरो देवी देवताओं की पूजा करते थे ,पीपल के पेड़ की पूजा के भी अव्शेह्स मिले है

आर्थिक जीवन –

  • सिन्धु घाटी सभ्यता में मिले अभिलेख में मनुष्य के आजीवन के लिय खेती ,पशुपालन व् व्यापर करके अपना पेट भरता था वही उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य था
  • हड़प्पा सभ्यता की खुदाई में खेती के बारे में जानकारी मिली है प्राचीनकाल में मनुष्य नौ फसलो की उगाई करता था जिसमे –जौ,गेहू,कपास ,तरबूज ,मटर,सरसों तिल,खजूर व् राई आदि की जानकारी मिली है

सभी पाठको को बहुत-बहुत धन्यवाद

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